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SILENCE मौन हमारे मन की शक्तियों को बढाने का एक अचूक (अनूठा) उपाय है।
मौन (silence) रहने से शारिरिक बल आत्मबल, यश, कीर्ति ओर सौभाग्य की वृद्धि होती है। मन को शांति ओर मस्तिष्क को आराम मिलता है। जिससे आंतरिक शक्तियों का विकास और नई ऊर्जा का संग्रह होता है। मौन आंतरिक शक्तियों को सम्पन्न बनाने के साथ साथ व्यवहारिक जीवन में भी शक्तियों को संचय करने मे हमारी मदद करता है।
मौन (silence) से क्रोध का दमन और वाणी पर नियंत्रण होता है। मौन में एक अलग ही शक्ति होती है। मौन रहने से केवल दिमाग ही शांत नही होता बल्कि Health से जुड़े कई फायदे हैं।
सेहत के लिए फायदे मंद –
मौन रहना हमरे स्वास्थ के लिए कितना लाभदायक है यह हम नहीं जानते। और न ही उस ओर ध्यान देते हैं। मौन से होने वाले लाभ के पीछे वैज्ञानिक कारण होते है जिनका फायदा हमें लेना चाहिये।
1. मौन रहने से सारी इंद्रीयां शांत रहती हैं, मन के शांत व एकाग्र होने से उम्र बढने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
2. गर्भवती महीलाओं को मौन साधना करनी चाहिए इससे बच्चे के आचार विचार पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है।
3. नकारात्मक भावनाओं पर और गुस्से पर कंट्रोल न हो या अगर आप तनाव या डिप्रेशन में रहते रहते हों तो मौन रहने से आप इन समस्यओं से निजात पा सकते हो।
4. मौन रहने से रोग प्रतिरोधक कोशिकाओं के बनने में मदद मिलती है।
5. ब्लड प्रेशर, अनिंद्रा, तनाव, जोड़ों का दर्द, माईग्रेन तथा पेट संबधी बीमारीयों से निजात पानें के लिए मन का शांत रहना जरूरी है। और यह मौन रहकर कर सकते हैं।
मौन, शांत करता है अशांत मन को-
1. मौन (silence) का अर्थ है कम बोलना, जब आप कम बोलेंगे तो सोच समझकर बोलेंगे। अच्छी बातें करनें से आप के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह संम्भव होता है।
2. मौन रहना आपको खुद को महसूस करना सिखाता है। इससे आपका अशान्त मन भी शान्त हो जाता है।
3. कुछ देर मौन रहने से हम अपने विचारों को बेहतर आकर दे सकते है। अच्छे विचारों से हम कुछ नया करने के लिये प्रेरित होते है। रचनात्मक कार्यों में हमारी रूचि बढती है।
मौन रहने के सामाजिक लाभ –
1. मौन (silence) रह कर पारिवारिक कलह को दूर करके एक खुशनुमा माहोल बना सकते है।
2. यदि सीमित और संयमित ढ़ग से वाणी का प्रयोग किया जाये तो कई समस्याओं से बचा जा सकता है, और अपनी ऊर्जा को यूं ही जाया होने से बचाया जा सकता है।
3. हमारे जीवन में आने वाली अनेक समस्याओं का कारण है, अधिक बोलना।
4. चंचल मन को वश में करने के लिये मौन अपनी एक अलग भूमिका निभाता है।
सारांश यह कि यदि आप भरपूर खुश और स्वस्थ जिंदगी जीना चाहते है तो दिन के कुछ घंटो में मौन रहना भी शामिल कर लें।
एक श्लोक में गणेश जी ने मौन (silence) की व्याख्या करते हुए एक बात कही है, कि
“किसी दीपक में तेल अधिक होता है, किसी में कम। तेल का अक्षय भंडार किसी दीपक में नही होता। उसी प्रकार देव, मानव, दानव सभी की प्राण शक्ति सीमित है। उसका पूर्णतम लाभ वही पा सकता है, जो उसका प्रयोग संयम से करता है। और संयम का प्रथम सोपान है वाणी का संयम। जो वाणी में संयम नही रखता उसके अनावश्यक शब्द प्राण शक्ति को क्षीण कर डालते हैं। इस लिए मै मोन का उपासक हूँ।“
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